Dev Diwali in Mandi: शुक्रवार को मंडी की पवित्र नगरी, जिसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है, में बाबा भूतनाथ मंदिर और व्यास कमेटी द्वारा देव दिवाली का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाएगा। इस पावन अवसर पर व्यास घाट पर एक हजार दीपक जलाए जाएंगे, जिससे घाट पर दिव्यता की छटा बिखरेगी। बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने इस आयोजन के महत्व और पौराणिक कथाओं के संदर्भ में जानकारी साझा की।
महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि देव दिवाली भगवान शिव की राक्षस त्रिपुरासुर पर विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है और इसे दिव्य विजय तथा आध्यात्मिकता का प्रतीक माना गया है। हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देव दिवाली के दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतरते हैं और भगवान शिव की जीत का सम्मान करने के लिए वाराणसी में एकत्रित होते हैं। इस दिन गंगा स्नान, दीप प्रज्वलन और भगवान शिव की आराधना विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिससे पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महंत ने यह भी बताया कि दीपावली का त्योहार केवल एक दिन का नहीं, बल्कि पांच दिनों का महोत्सव होता है। इसमें छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली और देव दिवाली का विशेष महत्व होता है। देव दिवाली मुख्य दिवाली के 15 दिन बाद, कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है, जो आध्यात्मिकता और धार्मिक आस्था का अद्वितीय प्रतीक है।